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मन मस्त हुआ || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2024)

2024-09-22 1 Dailymotion

‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:<br />https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant<br /><br />वीडियो जानकारी: 29.06.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />~ साधन क्या है? साध्य क्या है?<br /> ~ कब साधन ही साध्य बन जाता है?<br />~ सरताज कौन है?<br />~ मंज़िल किसे मिलती है?<br />~ गुरु किसके काम आते हैं?<br />~ हमारा सारा प्यार किसके लिए है?<br />~ असफल खोजें कौन सी होती हैं?<br />~ दुनिया से बड़ा कुछ क्यों नहीं मिल सकता?<br />~ संसार की प्रकृति क्या है?<br />~ छोटी माँग किसका प्रतीक है?<br />~ बड़े की खोज में निराशा क्यों मिलेगी? क्यों उनका सौभाग्य होता है जिन्हें सीधे ही बड़ी चीज चाहिए?<br />~ हमारी केंद्रीय पहचान क्या है?<br />~ मन और इंद्रियों की सारी चेष्टा बस यह समझने के लिए है कि 'यह सब चल क्या रहा है?'<br />~ ये सवाल क्यों नहीं उठता कि 'यह सब चल क्या रहा है?'<br />~ हम बचपन से लेके बड़े होने तक ऐसे हिंसात्मक क्यों हो जाते हैं?<br /><br />मन मस्त हुआ तब क्यों बोले<br /><br />हीरा पायो गाँठ गँठियायो, बार-बार वाको क्यों खोले ॥<br /><br />हलकी थी तब चढ़ी तराजू, पूर भई तब क्यों तोले ॥<br /><br />सुरत कलारी भइ मतवारी, मदवा पी गई बिन तोले ॥<br /><br />हंसा पाये मान सरोवर,ताल तलैया क्यों डोले ॥<br /><br />तेरा साहेब है घट माहीं, बाहर नैना क्यों खोले ॥<br /><br />कहैं कबीर सुनो भाई साधो, साहेब मिल गये तिल ओले ॥<br /><br />~ कबीर साहब<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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